Chaurchan 2022: 30 अगस्त को भूलकर भी न करें चंद्रमा के दर्शन। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है कलंक चतुर्थी/Kalank Chaturthi इस वर्ष 30 अगस्त को मनाई जाएगी कलंक चतुर्थी। चौरचन/Chourchan, कलंक चौथ व पत्थर चौथ के नाम से भी प्रसिद्ध है यह पर्व
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से
चतुर्थी तिथि समाप्त: 31 अगस्त, दोपहर 03:23 तक.
कलंक चतुर्थी शुभ पूजा मुहूर्त: 30 अगस्त, प्रातः 09:10 से दोपहर 01:57 तक
वर्जित चंद्र दर्शन काल: 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से रात्रि 08:40 तक
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (Ganesh Chaturthi) पर चंद्रमा को देखना होता है अशुभ
इस दिन चंद्र दर्शन के कारण लग सकता है आप पर मिथ्या कलंक
इस दिन चंद्र दर्शन के कारण आने वाले समय में हो सकता है आपका अपमान
इस दिन चंद्र दर्शन (Moon Sign) के कारण भगवान श्रीकृष्ण पर भी लगा था कलंक
चंद्र दर्शन के कारण भगवान श्रीकृष्ण पर भी लगा था मणि चोरी करने का आरोप
द्वारकापुरी में सत्राजित नाम का एक सूर्यदेव का भक्त रहता था
उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उसे एक अमूल्य स्यमंतक मणि प्रदान की
मणि के प्रभाव से वो हो गया था सभी प्रकार के भय से मुक्त
भगवान श्रीकृष्ण ने वह मणि राजा उग्रसेन को प्रदान करने की सोची
इस बात की भनक लगते ही सत्राजित ने वह मणि अपने भाई प्रसेन को दे दी
परंतु वन में शिकार के दौरान सिंह के द्वारा हो जाती है प्रसेन की मृत्यु।
प्रजा को जब प्रसेन की मृत्यु का पता चलता है
तो वह भगवान कृष्ण पर प्रसेन की हत्या का लगाती है दोष
इस कलंक से भगवान श्रीकृष्ण हो जाते हैं दुखी
बाद में जब प्रजा को सत्य का पता चलता है.
तब वह भगवान श्रीकृष्ण से मांगती है क्षमायाचना
प्राचीन मान्यताओं अनुसार कलंक चतुर्थी पर चंद्र दर्शन करने के कारण
भगवान श्रीकृष्ण पर लगा था स्यमंतक मणि की चोरी व हत्या का आरोप
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Source: https://vinaybajrangidham.blogspot.com/2022/08/chourchan-2022.html
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